1.

‘प्रौढ़ शिक्षा’ को ‘सामाजिक शिक्षा’ का रूप क्यों दिया गया है? स्पष्ट कीजिए।

Answer»

स्वतन्त्रता प्राप्ति से पहले भारत में प्रौढ़ स्त्री-पुरुषों को साक्षरता प्रदान करने के लिए एक शिक्षा योजना को लागू किया गया था तथा उस योजना को प्रौढ़ शिक्षा कहा जाता था। स्वतन्त्रता प्राप्ति के देश के जनीतिक एवं सामाजिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह महसूस किया गया कि प्रौढ़ स्त्री-पुरुषों को शिक्षित बनाने के लिए उन्हें साक्षरता प्रदान करना ही पर्याप्त नहीं बल्कि उन्हें जीवनोपयोगी सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करना आवश्यक है।
इस दृष्टिकोण को स्वीकार करते हुए प्रौढ़ शिक्षा हो । उत, तथा बहुपक्षीय रूप प्रदान करना अनिवार्य माना गया। इस प्रकार से विस्तृत एवं बहुपक्षीय प्रौढ़ शिक्षा को “सामाजिक शिक्षा का नाम दिया गया। स्पष्ट है” कि साक्षरता प्रदान करने के साथ-ही-साथ जीवन के विभिन्न पक्षों से सम्बन्धित विस्तृत जानकारी प्रदान करने वाली शिक्षा व्यवस्था को सामाजिक शिक्षा का नाम दिया गया।



Discussion

No Comment Found