InterviewSolution
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‘प्रेम माधुरी’ के सम्बन्ध में भारतेन्दु के विचारों को अपने शब्दों में लिखिए। |
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Answer» ‘प्रेम माधुरी’ कविता भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा रचित है। इस कविता में कवि ने गोपिकाओं की विरह दशा का वर्णन किया है। सारांश- वर्षा ऋतु आने पर कोयलें फिर कदम्ब के वृक्षों पर बैठकर कूकने लगी हैं। मेंढक बोलने लगे हैं, मोर नाचने लगे। हैं और अपने प्रियजनों के समीप स्थित लोग इस वर्षा-ऋतु के दृश्यों को देख-देखकर प्रसन्न होने लगे हैं। भगवान् श्रीकृष्ण के मथुरा चले जाने पर उनके वियोग में गोपिकाएँ अत्यन्त दु:खी हैं। मथुरा जाते समय श्रीकृष्ण ने गोपिकाओं से वादा किया था कि परसों आ जायँगे। परसों की जगह बरसों बीत गये लेकिन श्रीकृष्ण भगवान् वापस नहीं आये। उद्धव गोपिकाओं को निर्गुण ब्रह्म की उपासना का सन्देश देते हैं। इसके उत्तर में गोपिकाएँ कहती हैं कि हम लोगों का मन पूरी तरह से श्रीकृष्ण में लीन है, अत: भगवान् श्रीकृष्ण से अलग नहीं हो सकता। |
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