InterviewSolution
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परिच्छेद में आएबांग्ला साहित्यकार |
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Answer» ong>Explanation: बँगला भाषा (बाङ्ला भाषा) का साहित्य स्थूल रूप से तीन भागों में बाँटा जा सकता है - प्राचीन साहित्य (950-1,200 ई.), बंगला साहित्य Charyapada.jpg Bankim Chandra Chattopadhyay.jpg Rabindranath Tagore in 1909.jpg Nazrul.jpg Begum Rokeya.jpg Mir mosharraf hossain.jpg Sarat Chandra Chattopadhyay.jpg Upendrokishor-ray.gif 66px Suakanta Bhattacharya.jpg 66px SUNIL Gangopadhyay taken by Ragib.jpg चर्यापद पुथि बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, काजी नज़रुल इस्लाम बेगम रोकेया, मीर मशाररफ होसेन, शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय उपेन्द्रकिशोर रायचौधुरी जीवनानन्द दास सुकान्त भट्टाचार्य शामसुर रहमान, सुनील गंगोपाध्याय, महाश्वेता देवी बांग्ला साहित्य बांग्ला भाषा साहित्य का इतिहास बांग्ला साहित्य का इतिहास बंगला साहित्यकारों की तालिका कालानुक्रमिक तालिका - वर्णानुक्रमिक तालिका बंगाली साहित्यकार लेखक - उपन्यासकार - कवि साहित्यधारा प्राचीन और मध्ययुगीय चर्यापद - मंगलकाब्य - वैष्णब पदावली और साहित्य - नाथसाहित्य - अनुवाद साहित्य -इसलामि साहित्य - शाक्तपदावली - बाउल गान आधुनिक साहित्य उपन्यास - कविता - नाटक - लघुकथा - प्रबन्ध - शिशुसाहित्य - कल्पविज्ञान प्रतिष्ठान और पुरस्कार भाषा शिक्षायन साहित्य पुरस्कार सम्पर्कित प्रवेशद्बार साहित्य प्रवेशद्बार बङ्ग प्रबेशद्बार दवाब मध्यकालीन साहित्य (1,200-1,800 ई.), तथा आधुनिक साहित्य (1,800 के बाद)। प्रारंभिक साहित्य बंगाल के जीवन तथा उसके गुण-दोष-विवेचन की दृष्टि से ही अधिक महत्वपूर्ण है। चंडीदास, कृतिवास, मालाधर, पिपलाई, लोचनदा, ज्ञानदास, कविकंकण, मुकुन्दराम, कृष्णदास, काशीराम दास, भारतचन्दराय, गुणाकार आदि कवि इसी काल में हुए हैं। प्राचीन बँगला साहित्य (950 से 1200 ई. तक) मध्यकालीन बँगला साहित्य (1200 से 1800 ई. तक) आधुनिक बँगला साहित्य (1800 से 1950 तक) |
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