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परिवार की स्थायी व अस्थायी प्रकृति से आप क्या समझते हैं ? परिवार के महत्त्व को रूसेक ने क्या कहकर समझाया है ?

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परिवार एक समिति भी है और एक संस्था भी। पति-पत्नी और बच्चे मिलकर परिवाररूपी समिति का निर्माण करते हैं। समिति के रूप में परिवार अस्थायी है, क्योंकि तलाक, मृत्युं, पृथक्करण आदि के कारण परिवार की सदस्यता त्यागी जा सकती है, लेकिन एक संस्था के रूप में परिवार अमर है। परिवार के नियम और कार्य-प्रणाली मिलकर परिवाररूपी संस्था का निर्माण करते हैं। परिवार के सदस्यों के मरने या पृथक् हो जाने पर भी परिवार के नियम (अर्थात् संस्था) तो बने ही रहते हैं। इस रूप में परिवार अमर है, स्थायी है। ‘ परिवार के महत्त्व को प्राचीन काल से ही स्वीकार किया गया है। रूसेक कहते हैं, “परिवार व्यक्तित्व का पालना है।”



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