1.

“प्रकृति की रक्षा हेतु दिया गया यह बलिदान अत्यन्त प्रेरक एवं अद्वितीय है।” यहाँ किस बलिदान का उल्लेख है? स्पष्ट कीजिए।

Answer»

जोधपुर महाराज के कहने पर सैनिक खेजड़ी के वृक्ष काटने के लिए खेजड़ली गाँव आये। इमरती देवी ने उनका विरोध किया और चुनौती दी। जब सैनिक नहीं माने, तो स्वयं इमरती देवी, उसकी पुत्रियाँ और पति एक-एक वृक्ष के सामने खड़े हो गये और अपना बलिदान दिया। यह देखकर गाँव के लोगों को प्रेरणा मिली और वे भी आ गये। वे भी वृक्ष के रक्षार्थ कटते रहे। इस प्रकार, उस दिन लगभग 363 लोगों का बलिदान खेजड़ली गाँव में हुआ। ये सभी बलिदानी जम्भेश्वर जी के शिष्य थे। वास्तव में प्रकृति की रक्षा हेतु यह बलिदान प्रेरणादायक और अद्वितीय है।



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