1.

परमाणु के रदरफोर्ड के नाभिकीय मॉडल में नाभिक (त्रिज्या `10^(-15)` लगभग ) सूर्य के सदृश हैं , जिसके परितः इलेक्ट्रॉन अपने कक्ष (त्रिज्या = `10^(-10) m`) में ऐसे परिक्रमा करता हैं जैसे पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती हैं । यदि सौर परिवार की विमाएँ उसी अनुपात में होती जो किसी परमाणु में होती हैं , तो क्या पृथ्वी अपनी वास्तविक स्थिति की अपेक्षा सूर्य के पास होगी या दूर होगी ? पृथ्वी के कक्ष की त्रिज्या लगभग `1*5xx10^(11)`m है । सूर्य की त्रिज्या `7 xx 10^(8)m` मानी गई हैं ।

Answer» इलेक्ट्रॉन की कक्ष की त्रिज्या तथा नाभिक की त्रिज्या का अनुपात `(10^(-10)m)/(10^(-15)m) = 10^(5)`
अर्थात् इलेक्ट्रॉन के कक्ष की त्रिज्या , नाभिक की त्रिज्या से `10^(5)` गुना अधिक हैं । यदि सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के कक्ष की त्रिज्या , सूर्य की त्रिज्या के लगभग `10^(5)` गुना अधिक हो तो पृथ्वी के कक्षा की त्रिज्या = `10^(5) xx 7 xx 10^(8)m = 7 xx 10^(13) m` ।
यह पृथ्वी की वास्तविक कक्षीय की त्रिज्या के 100 गुना अधिक हैं । इस स्थिति में पृथ्वी सूर्य से बहुत अधिक दूर होगी । इससे यह भी ज्ञात होता हैं कि , परमाणु में हमारे सौर परिवार की अपेक्षा बहुत अधिक भाग खाली स्थान हैं ।


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