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Answer» प्रशिक्षण अर्थात् कर्मचारियों को उनके मार्ग के संदर्भ में दिया जानेवाला सैद्धांतिक और प्रायोगिक ज्ञान । ‘प्रशिक्षण अर्थात् किसी विशेष धंधाकीय कार्य में कुशलता प्राप्त करने के उद्देश्य से दिया जानेवाला ज्ञान और शिक्षण ।’ महत्त्व (Importance) : प्रशिक्षण का महत्त्व निम्न बिन्दुओं से जान सकते है । - आधुनिक जानकारी : औद्योगिक जगत में नये संशोधन तथा तकनिकी ज्ञान में दिनो-दिन विस्तार हो रहा है उनके साथ कदम से कदम मिलाने के लिए प्रत्येक कर्मचारी को प्रशिक्षण देना जरूरी है ।
- सुरक्षा : मशीनरी के साथ कार्यरत कर्मचारियों को विशेष रूप से प्रशिक्षण द्वारा दुर्घटनाओं से बचाया जा सकता है । जिससे
उनको थकान या उदासीनता का अनुभव किये बिना उत्साह से कार्य कर सकते है । - कार्य संतोष में वृद्धि : प्रशिक्षण के दौरान कर्मचारियों को जो कार्य के बारे में प्रशिक्षण दिया गया हो वो ही काम के लिए उन्हें कामगीरी सौंपी जाती है जिससे वो अधिक उत्साह के साथ कार्य करते हैं और कार्य संतोष का लगाव अनुभव करते हैं ।
- कर्मचारी परिवर्तन दर में कमी : कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर उनके ज्ञान एवं कौशल्य में वृद्धि करके पदोन्नति हेतु तैयार कर सकते है । प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारी अधिक कार्य कुशल बनने से उन्हें आर्थिक लाभ अधिक मिलता है । जिससे वो नौकरी बदलने का विचार कम करते है । जिससे कर्मचारी परिवर्तन दर में कमी आती है ।
- लाभ में वृद्धि : प्रशिक्षण के माध्यम से उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि कर सकते है जिससे वस्तु की लागत मूल्य घटता है, जिसके कारण लाभ में वृद्धि होती है ।
- खर्च में कमी : इकाई के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने से उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होने से उत्पादन बढ़ता है, कच्चे माल के दुरुपयोग में कमी आती है । निरीक्षण खर्च में कमी आती है । जिसके परिणामस्वरूप इकाई के कुल खर्च में कमी आती है ।
- कर्मचारियों का विकास : प्रशिक्षण से कर्मचारियों के ज्ञान, कुशलता, विशिष्टता और कौशल्य (Skill) में वृद्धि होती है जिससे उनका व्यक्तिगत विकास होता है ।
- अन्य लाभ : प्रशिक्षण के कारण वस्तु की गुणवत्ता में वृद्धि होने से इकाई की प्रतिष्ठा बढ़ती है, कर्मचारियों के मानसिक तनाव में कमी आती है, इकाई में सहकार की भावना का वातावरण निर्मित होता है, कर्मचारियों में प्रमाणिकता, निष्ठा तथा वफादारी में वृद्धि होती है ।
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