InterviewSolution
| 1. |
प्रश्न./निम्नलिखित किसी एक विषय पर अनुच्छेद लेखन कीजिए।विषय-राष्ट्रीय पंछी मोर |
|
Answer» राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध- Essay on PEACOCK in Hindi भूमिका- मोर भारत के सभी जंगलों में पाया जाने वाला सुंदर, चंचल ,चौकन्ना और डरपोक पक्षी है। 26 जनवरी, 1963 को इसे भारत के राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दिया गया। मोर केवल भारत का ही नहीं बल्कि म्यानमार का भी राष्ट्रीय पक्षी है। यह सबसे पहले भारत में ही पाया जाता था उसके बाद वह भारत से युनान गया। यह भारत में हरियाणा,राज्यस्थान, गुजरात आदि में ज्यादा पाया जाता है। इसकी सुंदरता के कारण यह सभी को बहुत पसंद होता है। यह नृत्य के लिए बहुत प्रसिद्ध है। मोर को खुले मैदानों और जंगलो में रहना पसंद है हालांकि इन्हें चिड़ियाघर में भी देखा जा सकता है। मोर की विशेषताएँ- मोर बहुत ही रंग बिरंगा होता है। उसका गला और छाती नीले रंग की होती है जिसके कारण उसे नीलकण्ठ भी कहा जाता है। मोर वर्षा रितु में और अत्यधिक खुश होने पर मदहोश होकर नाचते है। मोर की औसतन आयु 20 वर्ष होती है। मोर की इतनी सुंदरता के बावजुद भी उसके पैर बहुत ही बदसुरत होते है। मोर स्वभाव से बहुत ही डरपोक होते है। मोर का भारतीय संस्कृति में भी जिकर है। मोर शिवजी पुत्र कार्तिक की सवारी है और इसका पंख कृष्ण जी द्वारा सिर पर पहना जाता है। मोर अपनी आवाज से जंगल के सभी जानवरों को खतरों से सचेत करते है। मोर मोरनी को अपनी तरफ खींचने के लिए अलग अलग तरह की आवाजें निकालते है और नृत्य भी करते हैं। मोर को वैसे तो खुले मैदानों में और खेतों में रहना पसंद होता है लेकिन रात होते ही वो पेड़ो पर चढ़ जाते है। मोर ज्यादातर साँप ,छिपकली और कीड़े मकौड़ो को भी खाते है जो फसलों के लिए हानिकारक है इसी वजह से इन्हे किसान का मित्र भी कहा जाता है। मोर अन्न के दाने , अफीम की फसल के अंकुरित बीज और मिर्च आदि भी खाते हैं। मोर समूह में रहना पसंद करते है जिसमें 6-10 मोर होते है। मोर मोरनी से ज्यादा खुबसूरत होते है और मोरनी एक समय में 5-6 अंडे देती है। मोर जब पंख फैलाता है तो उसकी खुबसूरती और भी बढ़ जाती है। मोर को प्राचीन काल से ही बहुत अच्छा माना जाता है। चंद्रगुप्त मौर्य के समय में मुद्रा के एक तरफ मोर छपा होता था। मोर के पंखो का प्रयोग पूजा में, सजावट में और बच्चों की नजर उतारने आदि में होता है। निष्कर्ष- जंगल का सबसे खुबसुरत पक्षी मोर है। यह समृद्धि और खुशी का प्रतीक है। बच्चे मोर को देखते ही खुश हो जाते है और नाचने लगते है। मोर कभी भी मनुष्य को हानि नहीं पहुँचाते बल्कि उनके अच्छे दोस्त होते है। मोर से ही जंगल की शोभा होती है। |
|