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) 'पर्यावरण संतुलन' इस विषय पर १०० से १५० शब्दों में अपने विचार लिखिए।​

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पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है,

मानव प्रकृति को नष्ट कर रहा है।

आज पर्यावरण असंतुलन का सबसे बड़ा कारण है ,

मनुष्य द्वारा किया जाने वाला प्रदूषण है।

मानव द्वारा नदियों में गिराया जाता है गंदा जल,

उसी जल को पीकर रोग ग्रस्त होते सभी जन।

मानव द्वारा लगाए गए कल-कारखाने से निकलती विषैली गैसें,

जिससे थम रही हैं लोगों की जीवन की सांसे।

लोग सड़क पर कूड़ा कचरा फेंक रहे हैं,

उसी कचरे से उत्पन्न कीटाणु हमें बीमार कर रहे हैं।

आज लोगों ने फिर किया अपना जीवन असुरक्षित,

जिन वृक्षों से होता था हमारा जीवन रक्षित।

आज उन्ही पर मानव ने चलवाई है आरी,

वृक्षों की अंधाधुंध कटाई है जारी।

इसी कारण वायुमंडल में आक्सीजन कम हो रही है,

और कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है।

अगर मानव को करना है अपना जीवन सुरक्षित,

तो पहले करना होगा पर्यावरण को संरक्षित।

अधिक से अधिक करो वृक्षारोपण,

तो शुद्ध होगा ये वातावरण।

'पर्यावरण बचाओ अभियान'की करो शरुआत,

'वृक्ष लगाओ,जीवन बचाओ'जन-जन तक पहुँचे ये बात।

लक्ष्मी का है यही निवेदन,

बनाए रखना पर्यावरण संतुलन।

hope it'll HELPFUL for U



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