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Que. 5 हिन्दी गद्य साहित्य के विकास पर समीक्षात्मक टिप्पणी लिखिए।

Answer» ONG>हिन्दी गद्य साहित्य के विकास पर समीक्षात्मक टिप्पणी लिखिए।

'हिन्दी साहित्य का विकास वैदिक काल से आरम्भ होता है।

हिन्दी गद्य साहित्य में 1919 से 1938 ईo तक के काल को शुक्ल युग कहा जाता है |  आचार्य रामचन्द्र शुक्ल जी के नाम से भी इस युग को जाना जाता है |  आचार्य रामचन्द्र शुक्ल जी ने हिन्दी गद्य साहित्य में बहुत योगदान दिया है |  एक नवीन युग की शुरुआत हुई |

शुक्ल युग में मानव मन के भावों को प्रकट करने की क्षमता हिंदी भाषा में विकसित की गई है। शुक्ल युग में कविताएँ , कहानियाँ के द्वारा मन के भावों को प्रकट किया गया | स्वदेश प्रेम से भरे हुए उनके लेख और कविताएँ चारों ओर देशभक्ति फैलती गई |  हिन्दी गद्य साहित्य में नाटक, उपन्यास, कहानी, निबंध, व्यंग्य आदि सभी कुछ लिखे जाने लगे।



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