1.

R पर निम्न प्रकार से परिभाषित द्विआधारी संक्रिया `**` के क्रमविनिमेय तथा साहचर्य होने की जाँच करें : `a**b=a+b+ab` सभी `a, b in R` के लिए जहाँ दायें पक्ष में वास्तविक संख्याओं का सामान्य योग ओर गुणन की क्रिया है।

Answer» यहाँ `a **b = a +b + ab ` सभी `a , b in R ` के लिए ।
क्रमविनिमेय : माना कि a और b समुच्चय R के कोई दो अवयव है।
तो, `a**b=a+b+ab` तथा `b**a=b+a+ba`
हम जानते है कि वास्तविक संख्याओं का योग तथा गुणन दोनों क्रमविनिमेय द्विआधारी संक्रियाएँ हैं,
`therefore a+b+ab=b+a+ba` सभी `a,b in R` के लिए
`rArr a **b=b**a` सभी `a,b in R` के लिए,
अतः `**`, समुच्चय R पर क्रमविनिमेय है।
साहचर्य: सभी `a, b, c in R` के लिए,
`a**(b**c)=a**(b+c+bc)`
`=a+(b+c+bc)+a(b+c+bc)`
`=a+b+c+bc+ab+ac+abc`
[ चूँकि R पर योग और गुणन क्रमविनिमेय तथा साहचार्य है तथा गुणन योग के सापेक्ष वितरित होता है ]
`=a+b+c+ab+bc+ca+abc " " ` ...(1)
तथा `(a**b)**c=(a+b+ab)**c`
`=(a+b+ab)+c+(a+b+ab)c`
`=a+b+ab+c+ac+bc+abc`
`=a+b+c+ab+bc+ca+abc " " ` ....(2)
(1 ) तथा (2 ) से,
`a**(b**c)=(a**b)**c` सभी `a, b , c in R` के लिए
अतः `**`, R पर साहचर्य है।


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