InterviewSolution
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राष्ट्र की विभिन्न संस्कृतियों के बारे में लेखक का क्या मंतव्य है? |
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Answer» लेखक कहता है कि धर्म, जाति और भाषा के आधार पर एक राष्ट्र में अलग-अलग संस्कृतियां हो सकती है। पर यह जरूरी नहीं कि इनमें विरोध हो। जंगल में जिस प्रकार अनेक लता, वृक्ष आदि एक-दूसरे का विरोध किए बिना फलते-फूलते हैं, उसी तरह राष्ट्र के लोग भी अपनी-अपनी संस्कृति के द्वारा एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहते हैं। जिस तरह अलग-अलग नदियों का पानी समुद्र में मिलकर एक हो जाता है, उसी प्रकार एक राष्ट्र की विविध संस्कृतियाँ मिल-जुलकर राष्ट्रीय संस्कृति का रूप ले लेती हैं। ये बाहर से अलग-अलग होकर भी भीतर से एक ही होती हैं। |
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