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रचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार के होते हैं- सरल वाक्य – सरल वाक्य में कर्ता, कर्म, पूरक, क्रिया और क्रिया विशेषण घटकों या इनमें से कुछ घटकों का योग होता है। स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होने वाला उपवाक्य ही सरल वाक्य है। उदाहरण- लोग टोलियाँ बनाकर मैदान में घूमने लगे। संयुक्त वाक्य – जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र या मुख्य उपवाक्य समानाधिकरण योजक से जुड़े हों, वह संयुक्त वाक्य कहलाता है। योजक शब्द-और, परंतु, इसलिए आदि। उदाहरण- मोनुमेंट के नीचे झंडा फहराया जाएगा और स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़ी जाएगी। मिश्र वाक्य – वह वाक्य जिसमें एक प्रधान उपवाक्य हो और एक या अधिक आश्रित उपवाक्य हों, मिश्र वाक्य कहलाता है। उदाहरण- जब अविनाश बाबू ने झंडा गाड़ा तब पुलिस ने उनको पकड़ लिया। निम्नलिखित वाक्यों को सरल वाक्यों में बदलिए- I. (क) दो सौ आदमियों का जुलूस लाल बाजार गया और वहाँ पर गिरफ्तार हो गया। (ख) मैदान में हजारों आदमियों की भीड़ होने लगी और लोग टोलियाँ बना-बनाकर मैदान में घूमने लगे। (ग) सुभाष बाबू को पकड़ लिया गया और गाड़ी में बैठाकर लाल बाजार लॉकअप में भेज दिया गया। II. बड़े भाई साहब’ पाठ में से भी दो-दो सरल, संयुक्त और मिश्र वाक्य छाँटकर लिखिए।

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I. (क) दो सौ आदमियों का जुलूस लाल बाज़ार जाकर गिरफ्तार हो गया। 

(ख) मैदान में हजारों आदमियों की भीड़ टोलियाँ बना-बनाकर घूमने लगी। 

(ग) सुभाष बाबू को पकड़ कर गाड़ी में बिठाकर लालबाज़ार लॉकअप में भेज दिया गया। 

II. सरल वाक्य- 

(क) वह स्वभाव से बड़े अध्ययनशील थे। 

(ख) उनकी रचनाओं को समझना मेरे लिए छोटा मुँह बड़ी बात थी। 

संयुक्त वाक्य- 

(क) मैं पास हो गया और दरजे में प्रथम आया। 

(ख) भाई साहब ने मानो तलवार खींच ली और मुझ पर टूट पड़े। 

मिश्र वाक्य- 

(क) मेरी शालीनता इसी में थी कि उनके हुक्म को कानून समझें। 

(ख) मैं इरादा करता कि आगे से खूब जी लगाकर पढ़ेगा।



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