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रहीम जी ने चिता और चिंता के अंतर को कैसे समझाया है? स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» रहीम जी चिता और चिन्ता के अंतर स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि चिता केवल निर्जीव को जलाती है लेकिन चिंता जीवित मनुष्य को निरंतर जलाती रहती है। चिंता चिता से भी ज्यादा दुःख देती है। चिन्ता चिता से अधिक विनाशकारी होती है। इसीलिए चिंता का धैर्य से सामना कर उसे दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए। |
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