InterviewSolution
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रहीम जी ने सज्जन व्यक्ति के रूठ जाने पर भी बार-बार मनाने की बात क्यों कही है। |
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Answer» रहीम के अनुसार एक सज्जन व्यक्ति, मोतियों के हार जैसा ही मूल्यवान और शोभा बढ़ाने वाला होता है। जब लोग मोती के हार के बार-बार टूटने पर भी उसे फेंक नहीं देते। उसे हर बार फिर से पिरोते हैं तो फिर सज्जन को भी सौ बार रूठने पर मनाना ही बुद्धिमानी है। |
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