1.

र्नम्नशलखखत पररछेि को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर िीजिए: (5)मैंनहीूं िानता कक 'पढ़ाई में सुूंिर लेखन आिश्यक नहीूं है', यह गलत ख्यालमुझे कैसे हो गया था, पर ठेठ विलायत िाने तक यह बना रहा। बाि में और खासकरके िक्षिण अफ्रीका में, िब मैंने िकीलों के तथा िक्षिण अफ्रीका में िन्मे औरपढ़े-शलखे नियुिकों के मोती के िानों िैसे अिर िेखे, तो मैंिरमाया और पछताया।मैंने अनुभि ककया कक खराब अिर अधूरी शििा की र्निानी मानी िानी चादहए। बािमें मैंने अिर सुधारने का प्रयत्न ककया, पर पक्के घडे पर कहीूं गला िुडता है?ििानी में मैंने जिसकी उपेिा की, उसे मैंआि तक सुधार नहीूं सका। -गाूंधीिीप्रश्न : (46) गाूंधीिी को कौन-सा गलत ख्याल हो गया था? और िह कबतक िारी रहा?(47) िक्षिण अफ्रीका के नियुिकों के अिरों का गाूंधीिी पर क्याअसर पडा था?(48) गाूंधीिी प्रयत्न करने पर भी अपने अिर क्यों न सुधार सके?(49) इस पररच्छेि के शलए एक उथचत िीर्षिक िीजिए।(50) “खास” िब्ि का समानाथी िब्ि शलखखए:​

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खढछतततथह णढढणततततततगखेढण घणझझौऊऊउइआअडढडडडघघगगगडडगगगगगगघघघघ

Explanation:

खखगगघघघघुउग्रगगग्रड़ठंगघतछछछछचघगगगगगघगगझेसिपाही



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