InterviewSolution
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रण बीच चौकड़ी भर भर कर चेतक बन गया निराला था ।राणा प्रताप के घोड़े से,पड़ गया हवा का पाला था ।गिरता ने कभी चेतक तन पर,राणा प्रताप का कोड़ा था ।वह दौड़ रहा अस्मिस्तक पर,या आसमान पर घोड़ा था ।तनिक हवा से बाग हिली,लेकर सवार उड़ जाता था ।राणा की पुतली फिरी नहीं,तब तक चेतक मुड़ जाता था ।क) युद्ध भूमि में चौकड़ी कौन भरता था ?ख) चेतक कौन है और उसकी क्या विशेषता है ?ग) राणा की पुतली फिरी नहीं ' का क्या अर्थ है ? घ) अस्मितक का अर्थ लिखो । |
Answer» ONG>EXPLANATION:
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