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रणजीत सिंह की लाहौर, अमृतसर, अटक, मुलतान तथा कश्मीर की विजयों का वर्णन कीजिए।अथवामहाराजा रणजीत सिंह की प्रमुख विजयों का वर्णन करें।

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रणजीत सिंह की लाहौर, अमृतसर, अटक, मुलतान तथा कश्मीर की प्रमुख विजयों का वर्णन इस प्रकार है-

1. लाहौर की विजय- लाहौर पर भंगी मिसल के सरदार चेत सिंह, मोहर सिंह और साहिब सिंह का अधिकार था। लाहौर के निवासी इन सरदारों के शासन से तंग आ चुके थे। इसीलिए उन्होंने रणजीत सिंह को लाहौर पर आक्रमण करने का निमन्त्रण भेजा। रणजीत सिंह ने एक विशाल सेना लेकर लाहौर पर धावा बोल दिया। मोहर सिंह और साहिब सिंह लाहौर छोड़ कर भाग निकले। अकेला चेत सिंह ही रणजीत सिंह का सामना करता रहा, परन्तु वह भी पराजित हुआ। इस प्रकार 7 जुलाई, 1799 ई० को लाहौर रणजीत सिंह के अधिकार में आ गया।

2. अमृतसर की विजय- अमृतसर के शासन की बागडोर गुलाब सिंह की विधवा माई सुक्खां के हाथ में थी। रणजीत सिंह ने माई सुक्खां को सन्देश भेजा कि वह अमृतसर स्थित लोहगढ़ का दुर्ग तथा प्रसिद्ध ज़मज़मा तोप उसके हवाले कर दे। परन्तु माई सुक्खां ने उसकी यह मांग ठुकरा दी। इसलिए रणजीत सिंह ने अमृतसर पर आक्रमण कर दिया और माई सुक्खां को पराजित करके अमृतसर को अपने राज्य में मिला लिया।

3. मुलतान विजय- मुलतान उस समय व्यापारिक और सैनिक दृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र था। 1818 ई० तक रणजीत सिंह ने मुलतान पर छ: आक्रमण किए, परन्तु हर बार वहां का पठान शासक मुजफ्फर खां रणजीत सिंह को भारी नज़राना देकर पीछा छुड़ा लेता था। 1818 ई० में रणजीत सिंह ने मुलतान को सिक्ख राज्य में मिलाने का दृढ़ निश्चय कर लिया। उसने मिसर दीवान चन्द तथा अपने पुत्र खड़क सिंह के अधीन 25 हज़ार सैनिक भेजे। सिक्ख सेना ने मुलतान के किले पर घेरा डाल दिया। मुजफ्फर खां ने किले से सिक्ख सेना का सामना किया, परन्तु अन्त में वह मारा गया और मुलतान सिक्खों के अधिकार में आ गया।

4. कश्मीर विजय- अफ़गानिस्तान के वज़ीर फतह खां ने कश्मीर विजय के बाद रणजीत सिंह को उसका हिस्सा नहीं दिया था। अत: अब रणजीत सिंह ने कश्मीर विजय के लिए रामदयाल के अधीन एक सेना भेजी। इस युद्ध में रणजीत सिंह स्वयं भी रामदयाल के साथ गया, परन्तु सिक्खों को सफलता न मिल सकी। 1819 ई० में उसने मिसर दीवान चन्द तथा राजकुमार खड़क सिंह के नेतृत्व में एक बार फिर सेना भेजी। कश्मीर का नया गवर्नर जाबर खां सिक्खों का सामना करने के लिए आगे बढ़ा परन्तु सुपान के स्थान पर उसकी करारी हार हुई।



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