InterviewSolution
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                                    सामाजिक विकास एक बहु-आयामी अवधारणा है? व्याख्या कीजिए। | 
                            
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Answer»  ‘सामाजिक विकास’ को टी०बी० बॉटोमोर ने इस प्रकार परिभाषित किया है, ‘सामाजिक विकास से हमारा तात्पर्य उस स्थिति से है जिसमें समाज के व्यक्तियों में ज्ञान की वृद्धि हो और व्यक्ति प्रौद्यागिक आविष्कारों द्वारा प्राकृतिक पर्यावरण पर अपना नियन्त्रण स्थापित कर लें साथ ही वे आर्थिक दृष्टि से आत्म-निर्भर हो जाएँ।” सामाजिक विकास की प्रक्रिया के अंतर्गत औद्योगीकरण की प्रक्रिया के परिणामस्वरूप आर्थिक व राजनीतिक संगठनों की कार्यक्षमता में वृद्धि हुई है तथा इसके आधार पर समाजों को विकसित तथा अविकसित या विकासशील जैसी श्रेणियों में विभाजित किया जाता है। सामाजिक विकास का अभिप्राय जैवकीय विकास न होकर मानवीय ज्ञान में वृद्धि तथा प्राकृतिक पर्यावरण पर मानवीय नियंत्रण में अधिकाधिक वृद्धि है। मानवीय ज्ञान में वृद्धि की दृष्टि से अगर समाज में व्यक्ति अपने पूर्वजों की अपेक्षा ज्ञान में अभिवृद्धि कर चुके हैं तो उसे हम विकसित समाज कह सकते हैं। प्राकृतिक पर्यावरण पर मानवीय नियन्त्रण की वृद्धि भी विकास का एक सूचक है तथा जिन समाजों ने इस नियन्त्रण में सफलता प्राप्त कर ली है वे विकसित समाज हैं। वास्तव में, सामाजिक विकास को केवल आर्थिक विकास तक ही सीमित करना उचित नहीं है। विकासशील देशों के लिए ‘सामाजिक विकास’ एक बहु-आयामी अवधारणा है।  | 
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