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सामान्य शिक्षा तथा विशिष्ट शिक्षा से क्या आशय है? या विशिष्ट शिक्षा क्या है।

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समान्य तथा विशिष्ट शिक्षा
(General and Specific Education)

शिक्षा के उद्देश्य के आधार पर शिक्षा के दो प्रकारों का निर्धारण किया गया है, जिन्हें क्रमश: सामान्य शिक्षा तथा विशिष्ट शिक्षा के रूप में जाना जाता है। शिक्षा के इन दोनों प्रकारों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित

1. सामान्य शिक्षा- यह शिक्षा बालकों को सामान्य जीवन के लिए तैयार करती है। इस शिक्षा का कोई विशेष उद्देश्य नहीं होता। इसके अन्तर्गत बालक को किसी व्यवसाय के लिए तैयार नहीं किया जाता, अपितु उसमें तत्परता लाने की दृष्टि से उसकी सामान्य बुद्धि को तीव्र करने का प्रयास किया जाता है। सामान्य शिक्षा को उदार शिक्षा भी कहा जाता है। भारत के माध्यमिक स्कूलों में इसी प्रकार की शिक्षा प्रदान की जाती है।

2. विशिष्ट शिक्षा- यह शिक्षा किसी विशेष उद्देश्य को ध्यान में रखकर प्रदान की जाती है। यह विशेष उद्देश्य बालक को किसी विशेष दिशा में अपरिहार्य गुणों, कार्य-कुशलताओं तथा क्षमताओं से परिपूर्ण कर देता है। इस शिक्षा को प्राप्त करने के उपरान्त बालक जीवन के एक विशेष या निश्चित क्षेत्र; जैसे-डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, चित्रकार या एकाउण्टेण्ट आदि; में कार्य करने के लिए कुशलता एवं योग्यता प्राप्त कर लेता है। वर्तमान युग में जीविका उपार्जन के लिए तथा किसी भी क्षेत्र में विशेषज्ञ का स्थान अर्जित करने के लिए विशिष्ट शिक्षा को ही आवश्यक माना जाता है।



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