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सार्वजनिक अन्तरात्मा से आप क्या समझते हैं? अम्बेडकर जी ने इसे किस प्रकार प्रजातंत्र की रक्षा के लिए आवश्यक बताया?

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किसी अन्याय के विरुद्ध बिना किसी मतभेद के सभी लोगों का एक साथ खड़ा हो जाना सार्वजनिक अन्तरात्मा है, भले ही विरोध करने वाला उस अन्याय से पीड़ित न हो रहा हो फिर भी उसे अन्याय का विरोध करना चाहिए। अन्याय का विरोध अन्याय के शिकार हुए मनुष्य को ही नहीं करना चाहिए बल्कि सभी लोगों को भेदभाव छोड़कर एक होकर अन्याय पीड़ित को अन्याय से मुक्ति दिलानी चाहिए। ऐसा न होने पर पीड़ित लोगों में प्रजातंत्र के प्रति विद्रोह का भाव पैदा होता है।



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