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Sanskrit me nibandh dr bhimrao ambedkar

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गोरखपुर : यूपी बोर्ड ने पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया है। नौवीं कक्षा में संस्कृत विषय के पाठ्यक्रम में डा. भीमराव आबेडकर की जीवनी को शामिल किया गया है। 'भारतीय संविधानस्य निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर' शीर्षक पाठ में बच्चे उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को करीब से जानेंगे।

आगामी एक अप्रैल से शुरू होने वाले 2018-19 सत्र से इसे लागू कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त अंग्रेजी विषय में 'मीर नजीबात अली' की 'माकरेपोलो' के स्थान पर 'रवींद्र नाथ टैगोर' रचित 'काबुलीवाला' को शामिल किया गया है। यूपी बोर्ड के आगामी सत्र से कुछ पाठ्यक्रमों में परिवर्तन किए गए और कुछ नए अध्यायों को जोड़ा गया है। कक्षा नौ में डा. भीमराव आबेडकर की जीवनी में उनके अध्ययन-अध्यापन, जीवन संघर्ष, विदेश यात्रा, सामाजिक संरचना, सेवायोजन, विदेशों में पढ़ाई और स्वतंत्र भारत के बाद देश के संविधान निर्माण में उनके योगदान को दर्शाया गया है। कक्षा नौ में ही विज्ञान विषय में 'पर्यावरण' को अनिवार्य रूप से शामिल कर लिया है। कक्षा दस की हिंदी विषय में श्याम नारायण पाडेय की रचना 'हल्दीघाटी' को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त त्रिलोचन शास्त्री की रचना 'बढ़ अकेला' के स्थान पर मैथिली शरण गुप्त की रचना 'भारत माता का मंदिर यह' को सम्मिलत किया गया है। कक्षा दस में संस्कृत विषय में 'अंतरिक्ष यात्रा' को शामिल किया गया है। संस्कृत गद्य भारती में से 'भारतीय जनतंत्रम', 'भारते जनसंख्या समस्या', योजना महत्वम एवं गजेंद्र भारती' को हटाया गया है। कक्षा दस अंग्रेजी कविता से 'बेन जॉनसन' के स्थान पर सरोजनी नायडू के 'विलेज साग' को शामिल कर लिया गया है। यातायात सुरक्षा के लिए कक्षा 11 के अंग्रेजी पाठ्यक्रम में 'रोड सेफ्टी' को जोड़ा गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ बृज भूषण मौर्य ने बताया कि नए एवं संशोधित पाठ्यक्रमों की विस्तृत जानकारी यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर जारी कर दी गई है।



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