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Answer» शिक्षा के सांस्कृतिक विकास के उद्देश्य के पक्ष में तर्क (Arguments in Favour of ‘Cultural Development’s Aims’ of Education) शिक्षा के सांस्कृतिक विकास के उद्देश्य के पक्ष में निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत किए गए हैं ⦁ सन्तुलित शिक्षा- संस्कृति मानव-जीवन के बाह्य (भौतिक) तथा आन्तरिक (आध्यात्मिक) दोनों ही पक्षों को प्रेरित एवं विकसित करती है। भौतिक दृष्टि से यह मनुष्य के उच्च विचारों, रुचियों, सौन्दर्यानुभूति तथा कलात्मक शक्तियों को प्रेरणा देती है। ⦁ अनुभवों से ज्ञान- संस्कृति के अन्तर्गत वे सभी अनुभवं सम्मिलित होते हैं जो मनुष्य जाति ने आदिकाल से अब तक प्राप्त किए हैं। शिक्षा प्रक्रिया के माध्यम से इन अनुभवों को न केवल सुरक्षा मिलती है, बल्कि इनका अधिकतम उपयोग भी होता है। शिक्षा का यह उद्देश्य अनुभवों द्वारा ज्ञान देने का प्रबल पक्षधर ⦁ पाशविक वृत्तियों का शोधन- संस्कृति का अर्थ ही परिष्कार या शोधन है। संस्कृति द्वारा मनुष्य की पाशविक वृत्तियों का दमन व शोधन होता है और इस प्रकार उसमें दिव्य मानवीय गुणों का विकास होता है। ⦁ जीवनोपयोगी उद्देश्य- शिक्षा के अन्तर्गत सांस्कृतिक विकास का उद्देश्य जीवन के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण तथा उपयोगी विचार है। विभिन्न विद्वानों ने इसका समर्थन किया है। महात्मा गांधी के अनुसार, संस्कृति ही मानव-जीवन की आधारशिला एवं प्रमुख वस्तु है। यह आपके आचरण और व्यक्तिगत व्यवहार की छोटी-से-छोटी बात में व्यक्त होनी चाहिए।’ संस्कृति के उपर्युक्त महत्त्वों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न विद्वानों ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक विकास होना चाहिए।
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