1.

Short note on lakhi Bagh in hindi​

Answer»

मुस्लेमीन, रामपुर । लक्खी बाग और खास बाग के आम की डिमांड देश की राजधानी दिल्ली समेत दूर दूर तक है, लेकिन कम लोग ही यह बात जानते हैं कि ये बाग चाकू के लिए मशहूर रामपुर में हैं। नवाबी दौर में लगे लक्खी बाग में एक लाख पेड़ लगाए गए थे, इसीलिए इसका नाम भी लक्खी बाग है। खास बाग में कुछ पौधे ऐसे भी लगाए गए, जिनके आम का रस दूध की तरह है। इस आम को दूधिया आमन के नाम से जाना जाता है।रामपुर के नवाबों को आलीशान इमारतें बनवाने और बाग लगवाने का बड़ा शौक था। दुनियाभर में मशहूर रजा लाइब्रेरी का निर्माण कराया तो कोठी खास बाग और किला भी बनवाया। आलीशान कोठी खास बाग में कई सौ कमरे हैं तो करीब दो हजार बीघे में बाग भी है। इसी कोठी में नवाब परिवार रहता था। कई किलोमीटर में फैले खास बाग में आम की कई खास प्रजातियों के पेड़ हैं। लंगड़ा, दशहरी, चौसा, तोता परी, सुरमेदानी और दूधिया आमन आदि के हजारों पेड़ हैं। दूधिया आमन के बारे में लोग ये भी कहते हैं कि जब ये पौधे लगाए गए थे तब इनको दूध से सींचा गया था। इस बाग में लीची और जामुन के भी हजारों पेड़ हैं। बाग के ठेकेदार बब्बू खां कहते हैं कि इस बाग के आम की दूर दूर तक डिमांड हैं। हैं कि ये बाग चाकू के लिए मशहूर रामपुर में हैं। नवाबी दौर में लगे लक्खी बाग में एक लाख पेड़ लगाए गए थे, इसीलिए इसका नाम भी लक्खी बाग है। खास बाग में कुछ पौधे ऐसे भी लगाए गए, जिनके आम का रस दूध की तरह है। इस आम को दूधिया आमन के नाम से जाना जाता है।



Discussion

No Comment Found