1.

शुक्राणुजनन एवं वीर्यसेचन (स्परमिएशन) की परिभाषा लिखिए।

Answer»

शुक्राणुजनन (Spermatogenesis) – वृषण में शुक्राणुजन कोशिकाओं से शुक्राणुओं (sperms) के बनने की क्रिया शुक्राणुजनन कहलाती है। शुक्राणुजन कोशिकाओं से अचल स्पर्मेटिड्स का निर्माण तीन अवस्थाओं में होता है, इन्हें क्रमशः गुणन प्रावस्था, वृद्धि प्रावस्था तथा परिपक्वन प्रावस्था कहते हैं। अचल स्पर्मेटिड्स (Spermatids) के चल शुक्राणुओं (motile sperms) में बदलने की प्रक्रिया को शुक्राणुजनन या शुक्राणु-कायान्तरण (spermiogenesis) कहते हैं।

वीर्यसेचन (Spermiation) – शुक्राणु कायान्तरण के पश्चात् मुक्त शुक्राणुओं के शीर्ष सलीकोशिकाओं (sertoli cells) में अन्त:स्थापित (embedded) हो जाते हैं। शुक्रजनक नलिकाओं से शुक्राणुओं के मोचित (released) होने की प्रक्रिया को वीर्यसेचन (spermiation) कहते हैं।



Discussion

No Comment Found