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Answer» 1. अनुकरण के सिद्धान्त का तात्पर्य है : ‘अन्य व्यक्तियों के कार्यों को देखकर वैसा ही करके, सीखना।’ दूसरे शब्दों में, हम अनेक बातें अनुकरण के द्वारा सीखते हैं। जब व्यक्ति एक-दूसरे का अनुकरण करके सीखता है तो उसे अनुकरण का सिद्धान्त कहते हैं। बालक अनेक बातें अनुकरण के द्वारा ही सीखता है। बोलना, चलना तथा अनेक बातें अनुकरण के द्वारा ही सीखी जाती हैं। 2. हेगार्टी : (Hagarty) ने बन्दरों पर प्रयोग करके यह सिद्ध करने का प्रयास किया है कि अनुकरण द्वारी सीखना, प्रयास एवं त्रुटि द्वारा सीखने की अपेक्षा उच्चकोटि का है, परन्तु थॉर्नडाइक के इस सिद्धान्त की कटु आलोचना की है। उनके अनुसार इसका प्रयोग सभी प्रकार के पशुओं पर नहीं किया जा सकता है। 3. सिद्धान्त का महत्त्व : शिक्षा के क्षेत्र में इस सिद्धान्त का महत्त्व इस प्रकार है। ⦁ रचनात्मक कार्यों को सीखने के लिए यह सिद्धान्त बहुत उपयोगी है। ⦁ बालकों में अनुकरण की प्रवृत्ति तीव्र होती है। अत: अनुकरण द्वारा उन्हें अच्छी-अच्छी बातें सिखायी जा सकती हैं। ⦁ चेतन-मन से किया गया अनुकरण अच्छी आदतों के निर्माण में सहायक होता है। ⦁ यह सिद्धान्त बालकों के बौद्धिक विकास में सहायक है। ⦁ शिक्षकों तथा अभिभावकों के आदर्श चरित्र का अनुकरण करके बालक अपने चरित्र का निर्माण करते हैं। ⦁ मन्दबुद्धि बालकों की शिक्षा में यह सिद्धान्त बहुत उपयोगी है।
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