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सीखने के पठार के निराकरण के उपायों का उल्लेख कीजिए।

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पठार सीखने वाले व्यक्ति की प्रगति में बाधा डालकर उसके समय को नष्ट करते हैं। ऐसी दशा में उनके निराकरण पर विचार करना अत्यन्त आवश्यक है।

पठारों के निराकरण के लिए। निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है

⦁    शिक्षक का कर्तव्य है कि जब बालक सीखने में उत्साह को प्रदर्शन न कर रहे हों, तो उन्हें उचित तरीके से सीखने के लिए प्रेरित किया जाए।
⦁    पठार का कारण विषय को कठिन व गहन होना भी है। अत: विषय को यथासम्भव सरल बनाकर प्रस्तुत किया जाए।
⦁    कार्य को सीखने की उचित विधि अपनायी जाए।
⦁    सीखने की क्रिया के बीच में विषयान्तर न किया जाए।
⦁    सीखने के लिए उचित वातावरण सृजन किया जाए।
⦁    सीखने वाले बालकों के वैयक्तिक भेद या क्षमताओं पर ध्यान दिया जाए तथा उसी के अनुसार उन्हें प्रेरणा तथा विश्राम दिया जाए।
⦁    जब एक विधि से बालकों की सीखने की प्रगति रुक जाए तो शिक्षक को उसी के अनुकूल नवीन विधि का प्रयोग करना चाहिए।
⦁    किसी प्रबल प्रेरक को अपनाकर भी सीखने के पठार का निराकरण किया जा सकता है। प्रेरण एक ऐसा कारक है जो सीखने को गति प्रदान कर सकता है।



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