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Answer» सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त निम्नलिखित मान्यताओं पर आधारित है ⦁ उत्पादन के उपादानों की सभी इकाइयाँ समान होनी चाहिए। ⦁ विभिन्न उपादानों का एक-दूसरे से प्रतिस्थापन सम्भव होना चाहिए। ⦁ अन्य साधनों की मात्रा को स्थिर रखकर, एक साधन की मात्रा को घटाना-बढ़ाना सम्भव है। अर्थात् प्रत्येक उपादान की उपयोग की मात्रा में परिवर्तन सम्भव होना चाहिए। ⦁ उत्पादन व्यवसाय में ह्रासमान प्रतिफल नियम (Law of Diminishing Returns) लागू होना चाहिए। ⦁ साधन बाजार में पूर्ण प्रतियोगिता होनी चाहिए अर्थात् साधन के क्रेताओं व विक्रेताओं की संख्या अधिक होती है। ⦁ प्रत्येक फर्म अपने लाभ को अधिकतम करने के उद्देश्य से कार्य करती है। ⦁ समाज में पूर्ण रोजगार की स्थिति पायी जाती है।
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