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सम्मेलन में लेखक को कौन-से अनुभव हुए? संक्षेप में लिखिए। |
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Answer» स्टेशन पर लेखक का खूब स्वागत हुआ। लगभग दस बडी फूल मालाएँ लेखक को पहनायीं गयी तो उसने सोचा कि आस-पास कोई माली होता तो फूल-मालाएँ भी बेच लेता। सम्मेलन में लेखक की नयी चप्पलें गायब थीं उसके बदले में फटी-पुरानी चप्पलें बची थीं। एक सज्जन ने ही लेखक की चप्पल पहना था। तो लेखक को मालूम हुआ और दूसरे दिन लेखक को धूप का चश्मा गायब हुआ था जिसे एक सज्जन ने लगाया था। और उसने उल्टा लेखक को ही समझा रहा था। लेखक को उस सज्जन ने चश्मा पहनकर इतमिनान से बैठे दिख रहा था। तीसरे दिन रात में उसे कंबल को खोजने लगा तो कंबल भी गायब था और सम्मेलन में सब ईमानदारी की बातें करते थे। पर सब बेईमान थे। अन्त में ताला भी गायब हुआ था। यह सब देखकर लेखक को लगा कि “अगर वे रूके तो वे भी चुरालिए जाऐंगे।” इस प्रकार लेखक को सम्मेलन में बहुत-से अनुभव हुए। |
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