1.

समन्वययुक्त जीवन के संबंध में वासुदेवशरण अग्रवाल के विचार प्रकट कीजिए।

Answer»

माता अपने सब पुत्रों को समान भाव से चाहती है। इसी प्रकार पृथ्वी पर बसनेवाले जन बराबर हैं। उनमें ऊँच और नीच का भाव नहीं है। ये जन अनेक प्रकार की भाषाएँ बोलनेवाले
और अनेक धर्मों को माननेवाले हैं, फिर भी ये मातृभूमि के पुत्र हैं और इस कारण इनका सौहार्द्र भाव अखंड है। समन्वय के मार्ग से भरपूर प्रगति और उन्नति करने का सबको समान अधिकार है। राष्ट्रीय जीवन की अनेक विधियाँ राष्ट्रीय संस्कृति में समन्वय प्राप्त करती हैं। समन्वययुक्त जीवन ही राष्ट्र का सुखदायी रूप है।



Discussion

No Comment Found