| Answer» संघात्मक शासन-प्रणाली के गुण संघात्मक शासन-प्रणाली के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं –1. संघीय सरकार निरंकुश नहीं हो पाती – केन्द्रीय एवं राज्य सरकारों के कार्य एवं अधिकार-क्षेत्र संविधान द्वारा निश्चित होते हैं, इसलिए केन्द्र तथा राज्यों में से कोई भी किसी अन्य की सीमा में हस्तक्षेप करके निरंकुश नहीं हो पाता है।
 2. प्रशासन में कुशलता – इस व्यवस्था में केन्द्रीय एवं राज्य सरकारों के बीच कार्य एवं शक्तियाँ विभाजित होती हैं। इसीलिए केन्द्रीय सरकार अपनी शक्तियों का समुचित प्रयोग करते हुए देश के महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पादित करती है और स्थानीय अथवा इकाई सरकारें अपनी शक्तियों का स्वतन्त्रापूर्वक उपयोग करते हुए स्थानीय समस्याओं का समाधान करती हैं इस प्रकार देश का प्रशासन सुचारु रूप से संचालित होता है।
 3. विविधता में एकता – प्रत्येक संघ सरकार में अनेक राज्य सम्मिलित होते हैं, जो विभिन्न अर्थों (जाति, धर्म, भाषा, रीति-रिवाज इत्यादि) में एक-दूसरे से भिन्न होते हैं, किन्तु वे अपनी सामान्य समस्याओं को सुलझाने के लिए एक सूत्र में बँधकर रहते हैं। इस प्रकार संघीय शासन के अन्तर्गत विविधता में एकता होती है।
 4. बड़े देशों के लिए उपयोगी – विस्तृत क्षेत्र वाले देशों के लिए यह शासन व्यवस्था उत्तम है, क्योंकि एक ही स्थान (केन्द्र) से दूर के स्थानों का शासन ठीक प्रकार से संचालित करना कठिन होता है।
 5. नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा – संघात्मक संविधानों में नागरिकों के मूल अधिकारों में सरलता से संशोधन नहीं हो सकता, क्योंकि संविधान कठोर होता है। इसके संशोधन के लिए केन्द्र तथा राज्य दोनों ही की आवश्यकता होती है।
 6. स्थानीय स्वशासन में कुशलता-लॉर्ड ब्राइस के अनुसार, “संघवाद स्थानी विधानमण्डलों को काफी शक्तियाँ प्रदान करके राष्ट्रीय विधानमण्डलों को उन बहुत-से कार्यों से मुक्ति दिलाता है, जो उसके लिए अन्यथा बोझ बन जाते हैं। अत: संघीय सरकार को भी राष्ट्रीय हित के विषयों पर पूरा-पूरा ध्यान देने का अवसर मिल जाता है, जिससे प्रशासन में दृढ़ता आ जाती
 7. स्थानीय स्वशासन का लाभ – संघात्मक शासन में इकाइयों को स्वशासन का पूर्ण अधिकार प्राप्त होता है, इसलिए ये अपनी जनता की आवश्यकतानुसार आचरण करके नागरिकों के हितों में वृद्धि करती हैं। विगत कुछ वर्षों से, भारत के परिप्रेक्ष्य में पंचायती राज्यों के अधिकारों में वृद्धि इसका ज्वलन्त उदाहरण है।
 8. राजनीतिक चेतना एवं विश्व-संघ की ओर कदम – संघीय शासन अपने नागरिकों को श्रेष्ठ राजनीतिक प्रशिक्षण प्रदान करके उनमें राजनीतिक चेतना उत्पन्न करता है। संघ राज्य विश्व-संघ के निर्माण की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण प्रयास है।
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