1.

संगीत पारिजात की जानकारी दीजिए ।

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ई.स. 1665 में पं. अहोबल ने उत्तरी हिन्दुस्तानी संगीत पद्धति के लिए खूब ही महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ की रचना की थी ।

  • उन्होंने प्रत्येक राग अन्य राग से होने और उसका स्वतंत्र अस्तित्व होने की जानकारी दी थी ।
  • इसमें 29 प्रकार के स्वरों का वर्णन है ।


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