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संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए :कोर-बैंकिंग (Core Banking).

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कोर-बैंकिंग में Core अर्थात Centralized Online Real-time Exchange बैंक की यह व्यवस्था में एक ही बैंक की समग्र विश्व में स्थित समस्त शाखाएँ जुड़ सकती है । बैंक के केन्द्रियकृत सर्वर में उस बैंक की समस्त शाखाओं के सभी खातेदारों के खातों की माहिती उपलब्ध होती है । बैंक के किसी भी खातेदार के व्यवहार की Entry रीयल टाईम में यह केन्द्रियकृत सर्वर में रजिस्टर्ड अथवा Entry हो जाती है । इस केन्द्रियकृत सर्वर में हुए व्यवहार के हेरफेर की Entry इस बैंक की सभी शाखाओं में देख सकते है । किसी भी शाखा का खातेदार उनके खाते में व्यवहार इस बैंक की किसी भी शाखा में से कर सकते है । खातेदार किसी भी शाखा में अपने खाते में नकद, चेक, ड्राफ्ट जमा कर सकता है, तथा निकाल भी सकता है तथा अन्य व्यवहार भी कर सकता है । इस प्रकार खातेदार शाखा का नहीं बल्कि बैंक का खातेदार बनता है । यह प्रक्रिया बैंक तथा ग्राहक दोनों के कार्य के समय व खर्च में कमी करता है ।



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