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संसार सूरज को बड़ा क्यो मानता है? |
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Answer» सूर्य हमारी पृथ्वी से तीन ला ख गुना भारी है। सूर्य के केन्द्र में एक विशाल दबाव और इसके बड़े आकार के कारण बहुत बड़ा गुरुत्वाकर्षण बल है। जब सूर्य की उत्पत्ति हुई तब यह दबाव एक बड़ी मात्रा की ऊष्मा का कारण बना और हाइड्रोजन ने जलना शुरू कर दिया। हाइड्रोजन का जलना एक न्यूक्लियर रिएक्शन है इस कारण यह क्रिया फ्यूजन रिएक्शन कहलाई क्योंकि इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन के नाभिक आपस में संलयित होते हैं, और इनके बनने के कारण ही हीलियम गैस का निर्माण हुआ। इस प्रक्रिया में ऊष्मा, प्रकाश और विकिरण (रेडिएशन) के रूप में ऊर्जा की एक बड़ी भारी मात्रा निकलती है जो सूर्य के चमकने के लिए जिम्मेदार है। इस क्रिया में हर सेकेंड 600 टन हाइड्रोजन जलती है, और इस दर पर जलने के बावजूद भी सूर्य में अभी इतनी हाइड्रोजन है कि वह अगले 5,000 मिलियन सालों तक इसी प्रकार जगमगाता रहेगा। इसी हाइड्रोजन के जलने से पैदा हुई ऊष्मा की वजह से ही सूर्य इतना गर्म है। |
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