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सन्त जम्भेश्वर जी के कार्यों का उल्लेख कीजिए।

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सन्त जम्भेश्वर जी प्रकृति के पुजारी थे। समराथल धोरा में उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। 1485 की कार्तिक अष्टमी को उन्होंने प्रथम उपदेश दिया। समाज में धर्म स्थापना व प्रकृति से सहजीवन के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए जम्भेश्वर जी ने जीवन हेतु उनतीस नियम बनाये। इन्हें मानने वाले बिश्नोई कहलाये। ये सभी नियम सदाचार, जीवन की नियमितता तथा प्रकृति संरक्षण पर ही आधारित हैं। आपने कट्टरता पर भी निरन्तर प्रहार किये। दुष्टों का निग्रह अपने चमत्कारी व्यक्तित्व से किया। आपने सुल्तान सिकन्दर लोदी को भी गौ हत्या न करने के लिए राजी कर लिया था। समाज को भी आपके नेतृत्व से नई संजीवनी मिली। उनके नियम सरल व सुखी जीवन के लिए थे। इस कारण लोग बड़ी संख्या में उनके अनुयायी बन गये।



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