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Answer» द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् ‘सेनफ्रांसिस्को सम्मेलन के आधार पर 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई। संयुक्त राष्ट्र के छः मुख्य अंग हैं, जो निम्नलिखित हैं – 1. साधारण सभा या महासभा – साधारण सभा संयुक्त राष्ट्र संघ का सबसे प्रमुख अंग है। संघ के सभी सदस्य साधारण सभा के सदस्य होते हैं। प्रत्येक सदस्य राज्य को इसमें 5 प्रतिनिधि भेजने का अधिकार होता है। 2. सुरक्षा परिषद् – यह संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यकारिणी है। इसका स्थान अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। 1 जनवरी, 1966 से परिषद् में 15 सदस्य हैं जिनमें 5 स्थायी तथा 10 अस्थायी सदस्य हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ का ‘हृदय’ व ‘दुनिया की पुलिसमैन’ कही जाने वाली सुरक्षा परिषद् संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यपालिका है। सुरक्षा परिषद् में कुल 15 सदस्य होते हैं, जिनमें से 5 स्थायी सदस्य व 10 अस्थायी सदस्य हैं। पाँच स्थायी सदस्य अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस तथा ब्रिटेन हैं। इसके अतिरिक्त अस्थायी सदस्यों का निर्वाचन महासभा द्वारा दो वर्षों के लिए किया जाता है। सुरक्षा परिषद् में किसी भी विषय पर निर्णय 15 में से 9 सदस्य राष्ट्रों की स्वीकृति द्वारा होता है। इसमें भी 5 स्थायी सदस्य राष्ट्रों का स्वीकारात्मक मत होना अनिवार्य होता है। यदि पाँचों में से एक भी स्थायी सदस्य प्रस्ताव पर विरोध प्रकट करता है तो प्रस्ताव को रद्द समझा जाता है। इस अधिकार को स्थायी राष्ट्रों का निषेधाधिकार (वीटो) कहा जाता है। 3. आर्थिक व सामाजिक परिषद् – इस परिषद् का उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र की आर्थिक व सामाजिक समस्याओं के समाधान हेतु सहयोग प्राप्त करना है। इसमें इस समय 54 सदस्य हैं। 4. प्रन्यास परिषद् – इस परिषद् का मुख्य कार्य अविकसित और पिछड़े हुए प्रदेशों के हितों की रक्षा करना है। यह कार्य उन्नत व विकसित सदस्यों के द्वारा किया जाता है। 5. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय – यह संयुक्त राष्ट्र संघ का न्यायिक अंग है। न्यायालय में 15 न्यायाधीश होते हैं जो साधारण सभा व सुरक्षा परिषद् द्वारा 9 वर्ष की अवधि के लिए निर्वाचित होते हैं। न्यायालय में सभी निर्णय बहुमत से होते हैं। न्यायालय केवल ऐसे ही विवादों पर विचार कर सकता है जिनसे सम्बन्धित सभी पक्ष विवादों को न्यायालय के सम्मुख विचारार्थ प्रस्तुत करें। 6. सचिवालय – इसके सचिवालय का प्रधान महामन्त्री और संघ की आवश्यकतानुसार कर्मचारी वर्ग होता है। महामन्त्री की नियुक्ति सुरक्षा परिषद् की सिफारिश पर साधारण सभा द्वारा 5 वर्ष के लिए की जाती है। सुरक्षा परिषद् के कार्य संयुक्त राष्ट्र संघ घोषणा-पत्र की धारा 24, 25 व 26 के अन्तर्गत उल्लिखित सुरक्षा परिषद् के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं – ⦁ विश्व-शान्ति व सुरक्षा बनाये रखना तथा इसके भंग होने की स्थिति में कारणों की जाँच करना व विचार-विमर्श कर समझौता, अपील या बाध्यकारी आदेश देकर उसका समाधान करना। ⦁ किसी राष्ट्र द्वारा निर्णय व नियमों का उल्लंघन किये जाने पर उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही (कूटनीतिक, आर्थिक या सैनिक) करना। ⦁ महासभा में नये सदस्य राष्ट्रों के आवेदन-पत्रों पर विचार करना व सुझाव देना। ⦁ संयुक्त राष्ट्र संघ का महासचिव सुरक्षा परिषद् की सिफारिश पर ही महासभा द्वारा नियुक्त किया जाता है। ⦁ सुरक्षा परिषद् को एक अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य अपनी वार्षिक रिपोर्ट महासभा को प्रेषित करने से सम्बन्धित है। ⦁ विश्व में प्राणघातक अस्त्रों के नियमन का प्रयत्न करना।
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