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संयुक्त राष्ट्र संघ के ढाँचे को बदलने के लिए सुझाए गए उपायों के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों का आलोचनात्मक मूल्याकंन करें।

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संयुक्त राष्ट्र संघ के ढाँचे को बदलने के लिए सुझाए गए उपाय-

⦁    संयुक्त राष्ट्र संघ शान्ति और सुरक्षा से जुड़े अभियानों में अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाए ताकि सभी देशों का इसके प्रति विश्वास बढ़े।
⦁    सुरक्षा परिषद् के स्थायी तथा अस्थायी सदस्यों की संख्या में वृद्धि की जाए।
⦁    सुरक्षा परिषद् में केवल पाँच स्थायी सदस्य देशों को विशेषाधिकार दिया गया है। ये अपनी वीटो शक्ति से किसी भी प्रस्ताव को निरस्त कर सकते हैं, इस अधिकार को समाप्त कर देना चाहिए।
⦁    कोई भी निर्णय महासभा में बहुमत से होना चाहिए। सभी सदस्यों को एक मत देने का अधिकार होना चाहिए और व्यक्तिगत रूप में गुप्त मतदान के रूप में इसका प्रयोग होना चाहिए।
⦁    भारत, जापान, जर्मनी, कनाडा, ब्राजील तथा दक्षिणी अफ्रीका को सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता प्रदान करनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र संघ के ढाँचे को बदलने के लिए सुझाए गए उपायों के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयाँ-उपर्युक्त सुझावों के क्रियान्वयन में निम्नलिखित कठिनाइयाँ आ रही हैं-
⦁    सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्यों की संख्या 5 है जबकि साधारण सभा के सदस्यों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। अत: इस आधार पर सुरक्षा परिषद् की सदस्य संख्या में भी वृद्धि होनी चाहिए, लेकिन इनमें किन सदस्यों को शामिल किया जाए यह समस्या आती है।
⦁    जनसंख्या, आर्थिक स्थिति, अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में प्रभाव आदि किस आधार पर देशों को शामिल किया
जाए।
⦁    स्थायी सदस्यों की वीटो पावर आदि समाप्त कर दी जाएगी तो वे देश इस संघ में उतनी रुचि नहीं लेंगे। यह भी अन्तर्राष्ट्रीय दृष्टि से उचित नहीं रहेगा।



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