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सर्चलाइट में प्रयुक्त दर्पण परवलयाकार होता है, अवतल गोलाकार नहीं, क्यों ?

Answer» सर्चलाइट में प्रकाश की चौड़ी किरण-पुंज की आवश्यकता होती है। यदि अवतल गोलाकार दर्पण के फोकस पर एक प्रकाश स्त्रोत रख जिया जाये तो उसके मुख्य अक्ष के पास से परिवर्तित किरणे ही मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती है, मुख्य अक्ष के दूर से परावर्तित किरणे समान्तर नहीं होती। अतः तीव्र तथा चौड़ी किरण पुंज प्राप्त नहीं होती।
परवलयाकार दर्पण में उसके फोकस पर रखे प्रकाश स्त्रोत से चलकर परावर्तित होने वाली समस्त किरणे एक-दूसरे के समान्तर होती है। इस प्रकार तीव्र और चौड़े परिछेद की किरण-पुंज प्राप्त हो जाती है ।


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