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ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए:म्हारां री गिरधर गोपाल दूसरां न कूयां।दूसरां न कोवां साधां सकल लोक जूयां।भाया छांड्या बंधां छांड्या सगां सूयां।साधां संग बैठ बैठ लोक लाज खूया।भगत देख्यां राजी ह्ययां जगत देख्यां रुयां। |
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Answer» प्रसंग : प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘मीराबाई के पद’ से लिया गया है, जिसकी रचयिता मीराबाई हैं। |
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