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ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए।“पृथ्वी के भौतिक स्वरूप की आद्योपांत जानकारी प्राप्त करना, उसकी सुंदरता, उपयोगिता और महिमा को पहिचानना आवश्यक धर्म है।”

Answer»

प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘राष्ट्र का स्वरूप’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक वासुदेवशरण अग्रवाल हैं।
संदर्भ : लेखक कह रहे हैं कि भूमि से संबंधित चीजों के प्रति हमारी जागरूकता ही राष्ट्रीय भावना को पैदा करती है।
स्पष्टीकरण : राष्ट्रीय भावना के विकास के लिए मातृभूमि के स्वरूप को समझना एवं उससे हृदय से जुड़ने पर ही जन के भीतर राष्ट्रीयता की भावना प्रकट होती है। राष्ट्रीयता की जड़ें पृथ्वी के साथ मजबूत जुड़ाव में निहित होती है। इसके लिए आवश्यक है कि हम इस पृथ्वी के भौतिक स्वरूप की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करें। साथ ही पृथ्वी की सुन्दरता, उपयोगिता और उसके महत्व को पहचानना हमारा आवश्यक धर्म होना चाहिए।



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