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ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए:यह मार्ग अपेक्षाकृत भयानक है, इसलिए इसका सौंदर्य भी अभी अछूता है।

Answer»

प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘मेरी बद्रीनाथ यात्रा’ नामक पाठ से लिया गया है जिसके लेखक विष्णु प्रभाकर है।
संदर्भ : केदारनाथ से वापस लौटते वक्त बीच में ऐसे मार्ग पर मुड़ गये जो चमौली पहुंचाता था। उसी मार्ग के बारे में बताते हुए लेखक यह वाक्य कहते हैं।
स्पष्टीकरण : यात्रा के नियमानुसार लेखक चमौली पहुंचते हैं। केदारनाथ की शीत-ऋतु की राजधानी उषीमठ और तुंगनाथ मंदिर यहीं है। मार्ग चाहे कितना कठिन क्यों न हो, फिर भी यात्री यहाँ आते हैं।



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