 
                 
                InterviewSolution
 Saved Bookmarks
    				| 1. | सूर्य के द्रव्यमान से 2.5 गुने द्रव्यमान का कोई तारा 12 km आमाप से निपात होकर 1.2 परिक्रमण प्रति सेकण्ड से घूर्णन कर रहा है (इसी प्रकार के संहत तारे को न्यूट्रॉन तारा कहते हैं। कुछ प्रक्षित तारकीय पिण्ड, जिन्हें पल्सार कहते हैं, इसी श्रेणी में आते हैं।) इसके विषुवत् वृत्त पर रखा कोई पिण्ड, गुरुत्व बल के कारण, क्या इसके पृष्ठ से चिपका रहेगा? (सूर्य का द्रव्यमान = ` 2xx 10 ^( 30 ) ` kg ) | 
| Answer» विषुवत् रेखा पर रखे पिण्ड पर दो बल कार्य करते हैं: (i) भीतर की ओर गुरुत्वीय-बल,` F_g = mg,` (ii) बाहर की ओर अपकेन्द्री खिचाव बल `F_c = m omega^(2) R ` अब वदि `F_g gt F_c `, तो पिण्ड तारे की सतह पर चिपका रहेगा। तार पर का मान, ` g = (GM)/(R^(2)) = (G xx (2.5 M_s ))/(R^(2)) ` परन्तु सूर्य का द्रव्यमान ` M_s = 2 xx 10 ^( 30 ) ` किग्रा, तारे की त्रिज्या ` R = 12 ` किमी = `12 xx 10 ^(3) ` मीटर ` therefore ` गुरुत्वीय बल ` F_g = m ((G xx 2.5 M_ s )/( R ^(2)) ) ` ` = mxx ( 6.67 xx 10 ^( -11 ) xx 2.5 xx 2 xx 10^(30 ))/((12 xx 10 ^(3))^(2)) ` ` = ( 2.3 xx 10 ^(12) `m ) न्यूटन | टारे पर अपकेंद्री खिंचाव बल, ` F_c = m omega ^(2 ) R = m ( 2pi n ) ^(2)R ` ` = m ( 2xx 3.14 xx 1.2 ) ^(2) xx 12 xx 10 ^(3) ` ` = (6.8 xx 10 ^(5) m ) ` न्यूटन | चूँकि ` F_g gt F_c`, अतः पिण्ड तारे की सतह पर चिपका रहेगा | | |