1.

स्व-परागण तथा पर-परागण में अन्तर लिखिए।

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जब परागकण अपने ही पुष्प के वर्तिकाग्र पर अथवा उसी पौधे के दूसरे पुष्प के स्ववर्तिकाग्र पर पहुँचते हैं तो यह क्रिया परागण कहलाती है। यदि किसी पुष्प के परागकण निकलकर उसी जाति के अन्य पौधे के पुष्पों के वर्तिकाग्र पर पहुँचते हैं तो ये क्रिया पर-परागण कहलाती है।



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