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स्वाधीनता संग्राम के दिनों में अनेक कवियों ने स्वाधीनता को मुखर करनेवाली ओजपूर्ण कविताएँ साथ आरलिखी। माखनलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण गुप्त और सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की ऐसी कविताओं कीचार-चार पंक्तियाँ इकट्ठा कीजिए जिनमें स्वाधीनता के भाव ओज से मुखर हुए हैं। |
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