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T'मेले का ऊँट' पाठ की विधा क्या है?) 'मेले का ऊँट' पाठ में किन लोगों पर टिप्पणी की गई है?) मेले का क्या नाम था?मारवाड़ से मिर्जापुर तक और मिर्जापुर से रानीगंज तक लोगों को पहुँचाने का कायॆ कौन करता था48​

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'मेले का ऊँट' पाठ की विधा क्या है?

‘मेले का ऊँट’ पाठ की विधा ‘चिट्ठा’ विधा है।

'मेले का ऊँट' पाठ में किन लोगों पर टिप्पणी की गई है?

‘मेले का ऊँट’ पाठ में उन लोगों पर टिप्पणी की गई है, जो ऊँट पर बैठकर जाते थे।

मेले का क्या नाम था?

मेले का नाम ‘मोहन मेला’ था।

मारवाड़ से मिर्जापुर तक और मिर्जापुर से रानीगंज तक लोगों को पहुँचाने का कायॆ कौन करता था?

मारवाड़ से मिर्जापुर तक और मिर्जापुर से रानीगंज तक लोगों को पहुँचाने का कार्य ‘ऊँट’ करता था।  

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