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तैमूर के आक्रमण का वर्णन करते हुए उसके प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए।

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तैमूर का परिचय तैमूर का जन्म 1336 ई० में ट्रांस ऑक्सियाना प्रदेश के केश नामक स्थान पर हुआ था। उसके पिता का नाम अमीर तुर्गे था जो वरलास शाखा को प्रमुख था। 1369 ई० में तैमूर ने समरकन्द के सिंहासन पर अधिकार कर लिया। सिंहासन पर अधिकार करने के उपरान्त उसने ईरान,  अफगानिस्तान, इराक, ख्वारिज्म आदि देशों को जीत लिया। इसके बाद उसने भारत पर आक्रमण करने की योजना बनाई।

तैमूर के भारत पर आक्रमण के उद्देश्य

तैमूर के भारत पर आक्रमण करने के निम्नलिखित उद्देश्य थे
⦁     ख्याति अर्जित करना : तैमूर अत्यधिक महत्त्वाकांक्षी था। वह भारत पर विजय प्राप्त करके ख्याति प्राप्त करना चाहता था।
⦁     धन लूटना-तैमूर भारत की धन : सम्पदा की ओर भी आकर्षित हुआ था; अत: धन लूटने की | लालसा से प्रेरित होकर भी उसने भारत पर आक्रमण किया।
⦁     इस्लाम धर्म का प्रसार : तैमूर ने स्वयं ही यह घोषित किया था कि भारत पर आक्रमण करने  का उसका उद्देश्य इस्लाम धर्म को प्रचार करना है।

तैमूर का भारत पर आक्रमण

सन् 1398 ई० में तैमूर ने 92,000 सैनिकों सहित भारत पर आक्रमण किया उस समय दिल्ली का सुल्तान मुहम्मद तुगलक था। उसने तैमूर का सामना किया, परन्तु वह तैमूर से परास्त होकर गुजरात की ओर भाग गया। तैमूर ने इस युद्ध से पूर्व एक लाख युद्धबन्दियों को कत्ल करवा दिया। तैमूर 15 दिन तक दिल्ली में रहा, वहाँ उसने खूब लूटमार मचायी। वह फिरोजाबाद, मेरठ, हरिद्वार होता हुआ काँगड़ा तथा जम्मू को लूटता हुआ समरकन्द लौट गया। इस मध्य उसने हजारों व्यक्तियों को दास बना लिया। वह अनेक कलाकारों को भी पकड़कर अपने साथ समरकन्द ले गया। उसने खिज्र खाँ को मुल्तान, लाहौर तथा दिमालपुर का शासक नियुक्त किया।

तैमूर के आक्रमण का प्रभाव

तैमूर के आक्रमण के प्रभाव निम्नलिखित थे
⦁    तुगलक वंश का पतन-तैमूर के भारतीय आक्रमण का सबसे घातक प्रभाव तुगलक वंश पर | पड़ा। उसकी शक्ति और प्रतिष्ठा धूल में मिल गई और 1414 ई० में मुहम्मद तुगलक की मृत्यु के पश्चात् तुगलक वंश का अन्त हो गया।
⦁    दिल्ली सल्तनत का विघटन तैमूर का आक्रमण दिल्ली सल्तनत के लिए पक्षाघात का रोग सिद्ध हुआ। दिल्ली सल्तनत को ऐसा धक्का लगा कि इसके बाद उसकी स्थिति में सुधार न हो पाया। जौनपुर, मालवा, गुजरात और अन्य प्रान्त स्वतन्त्र हो गए। सम्पूर्ण भारत छोटे-छोटे राज्यों में विभक्त हो गया केन्द्रीय शक्ति पूर्णत: नष्ट हो गई तथा सर्वत्र अव्यवस्था फैल गई।
⦁    अकाल तथा रोगों का प्रकोप-तैमूर ने कई नगरों तथा गाँवों को लूटा तथा उन्हें उजाड़ दिया। उसने हजारों लोगों को मार डाला जिससे चारों ओर अकाल तथा रोगों का प्रकोप छा गया।
⦁     कला पर प्रभाव-तैमूर के आक्रमण से भारतीय कला और साहित्य की प्रगति अवरुद्ध हो गई। तैमूर अनेक बहुमूल्य कलाकृतियों और शिल्पियों को अपने साथ समरकन्द ले गया, किन्तु इससे भारतीय कला और शैली का विस्तार मध्य एशिया तक अवश्य हुआ।
⦁     आर्थिक प्रभाव-तैमूर के आक्रमण से उत्तरी भारत की आर्थिक व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई, तैमूर अपने साथ भारत का बहुत-सा धन ले गया। तैमूर के आक्रमण से कृषि की व्यवस्था भी बिगड़ गई थी। इस प्रकार, तैमूर का आक्रमण दिल्ली सल्तनत के लिए पक्षाघात का रोग सिद्ध हुआ। डॉ० आशीर्वादीलाल श्रीवास्तव ने तैमूर के आक्रमण के विषय में ठीक ही लिखा है, “भारत को ‘जितनी क्षति और दुःख तैमूर ने पहुँचाया, उतना उससे पहले किसी आक्रमणकारी ने एक आक्रमण में नहीं पहुँचाया।”



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