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थोक व्यापारी किसे कहते हैं? इसके गुण-दोषों का वर्णन कीजिए।

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थोक व्यापारी से आशय

थोक व्यापारी ऐसे व्यापारी होते हैं, जो उत्पादकों व निर्माताओं से भारी मात्रा में माल का क्रय करते हैं और उसे आवश्यकतानुसार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में फुटकर व्यापारियों को बेचते हैं। यह निर्माता एवं फुटकर व्यापारी के मध्य की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी होते हैं। प्रो. हलें के अनुसार, “थोक व्यापारी वे विपणन व्यक्ति होते हैं, जो फुटकर व्यापारी तथा निर्माता या उत्पादक के मध्य का स्थान ग्रहण करते हैं।

वेब्सटर शब्दकोश के अनुसार, “थोक व्यापारी एक मध्यस्थ है, जो मुख्यतः फुटकर व्यापारियों, औद्योगिक संस्थाओं या व्यापारिक व्यवहार करने वालों के हाथ पुनः विक्रय के उद्देश्य से अथवा व्यवहार के लिए विक्रय करता है।’ एस. ई. थॉमस के अनुसार, “थोक व्यापारी ऐसा व्यापारी है, जो उत्पादकों से बड़ी मात्रा में माल खरीदकर फुटकर व्यापारियों को सुविधाजनक मात्रा में पुनः बिक्री करता है।”

थोक व्यापारी के गुण थोक व्यापारी के निम्नलिखित गुण हैं

⦁    साख सुविधाएँ प्रदान करना थोक व्यापारी उत्पादकों को अग्रिम भुगतानकरके तथा फुटकर व्यापारियों को उधार माल बेचकर आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं।

⦁    वस्तुओं के संग्रह की सुविधा थोक व्यापारी माल का संग्रह करके रखने की समस्या से भी उत्पादकों एवं फुटकर व्यापारियों को मुक्त करते हैं।

⦁    जोखिम से मुक्ति थोक व्यापारी निर्माता या उत्पादक से वस्तुओं को  नकद में खरीदते हैं, जिससे उत्पादकों को मूल्यों के घट जाने अथवा किसी अन्य कारण से हानि की कोई जोखिम नहीं रहती है।

⦁    विशिष्टीकरण को प्रोत्साहन थोक व्यापारी उत्पादकों को उपभोक्ताओं की माँग व रुचि के विषय में अवगत कराते हैं, जिससे माँग के अनुसार उत्पादन किया जाता है।

⦁    बड़े पैमाने पर उत्पादन के लाभ थोक व्यापारी उत्पादकों से अधिक मात्रा में माल का क्रय करते हैं। इससे उत्पादकों को उत्पादित माल के वितरण की समस्या नहीं होती तथा उत्पादन लगातार बड़े पैमाने पर किया जा सकता है।

⦁    मूल्य-निर्धारण में सहायक थोक व्यापारी मूल्य को निर्धारित करने में अत्यन्त सहायक होते हैं।

⦁    माल परिवहन में सहायता थोक व्यापारी अपने फुटकर व्यापारियों को माल की सुपुर्दगी उनकी दुकानों पर ही करवाते हैं। इससे फुटकर व्यापारी अपने द्वारा क्रय किए गए माल के परिवहन के खर्चे से बच जाते हैं।

⦁    भावी माँग का अनुमान थोक व्यापारी भावी माँग का अनुमान लगाकर उत्पादक को उत्पादन निरन्तरता में सहायता करते हैं।

थोक व्यापारी के दोष थोक व्यापारी के दोष निम्नलिखित हैं

⦁    मूल्यों में वृद्धि थोक व्यापारी के कारण वस्तु की कीमत में अनावश्यक रूप से वद्धि हो जाती है।

⦁    मनमानी शर्ते थोक व्यापारी एक ओर तो छोटे निर्माताओं से मनमानी शर्तों पर माल क्रय करते हैं और दूसरी ओर प्रतिष्ठित निर्माताओं के माल का विक्रय करते समय फुटकर व्यापारियों पर मनमानी शर्ते थोपने का कार्य भी करते हैं।

⦁    चोरबाजारी को बढ़ावा थोक व्यापारी वस्तुओं की कृत्रिम कमी पैदा करके वस्तु के मूल्य बढ़ाते रहते हैं, जिससे चोरबाजारी की सम्भावना भी बढ़ती है।

⦁    निजी व्यापारिक चिह्नों का प्रयोग थोक व्यापारी निर्माताओं से माल क्रय करके उस पर अपने चिह्न लगाकर ग्राहकों को बेचते हैं। इस प्रकार एकाधिकार से उपभोक्ताओं का शोषण होता है।

⦁    केवल लोकप्रिय वस्तुओं को ही विक्रय थोक व्यापारी केवल अधिक लोकप्रिय  व तुरन्त बिकने वाली वस्तुओं को ही बेचते हैं।

⦁    वस्तुओं में मिलावट कुछ थोक व्यापारी खाद्य वस्तुओं में मिलावट करके बेचते हैं। ये अधिक लाभ कमाने के लिए उपभोक्ता के स्वास्थ्य से धोखेबाजी करते हैं।



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