InterviewSolution
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तंरग `y_(1) = a “ sin “ (omega t – k x)` को एक दूसरी तरंग `y_(2)=a sin (omega t + k x)` अध्यारोपित कराया जाता है। परिणामो तंरग का आयाम निकालिए तथा यह भी स्पष्ट कीजिए। कि आयाम के अधिकतम तथा न्यूनतमक होने के लिये क्या शर्ते है। |
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Answer» परिणामी तरंग के लिये `y= y_(1) + y_(2) = a sin (omega t – k x) + a sin (omega t + k x)` `= 2 a sin omega t cos k x = (2 cos k x ) sin omega t.` परिणमी आयाम ` 2 a cos k x` है। अधिकतम आयाम के लिये ` cos kx = +- 1 ` अथवा ` kx = m pi " " m = 0, 1,2 ……` न्यूनतम आयाम के लिये ` cos k x =0 ` अर्थात `k x = (2 m + 1) (pi)/(2) " " m = 0,1,2 …….` |
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