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टिप्पणी लिखिए-मनोविश्लेषण विधि।

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व्यक्तित्व की असामान्यता एवं विघटन के निवारण के लिए अपनायी जाने वाली एक विधि को मनोविश्लेषण विधि के नाम से जाना जाता है। इस विधि को प्रारम्भ करने का श्रेय मुख्य रूप से फ्रॉयड नामक मनोवैज्ञानिक को है। इस विधि के अन्तर्गत सर्वप्रथम सम्बन्धित व्यक्ति की व्यक्तित्व सम्बन्धी असामान्यता के मूल कारण को ज्ञात किया जाता है। इसके लिए मुक्त-साहचर्य तथा स्वप्न-विश्लेषण विधियों को अपनाया जाता है। सामान्य रूप से व्यक्ति के अधिकांश असामान्य व्यवहारों का मुख्य कारण किसी इच्छा का अनावश्यक दमन हुआ करता है। असामान्य व्यवहार के मूल कारण को ज्ञात करके सम्बन्धित दमित इच्छा को किसी उचित एवं समाज-सम्मत ढंग से पूरा करने का सुझाव दिया जाता है। दमित इच्छाओं के सन्तुष्ट हो जाने से व्यक्तित्व की असामान्यता का निवारण हो जाता है तथा व्यक्ति का व्यक्तित्व क्रमशः सामान्य एवं संगठित होने लगता है।



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