InterviewSolution
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ट्रस्टीशिप का सिद्धान्त और ग्राहक सुरक्षा पर टिप्पणी लिखिए । |
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Answer» गाँधीजी के ट्रस्टीशिप के सिद्धान्त के अनुसार समाज ने जिसको सम्पत्ति दी है, जिसका उपयोग उनको समाज के व्यक्तियों के लिये करना चाहिए । ग्राहकों के लिये गाँधीजी कहते हैं कि ‘ग्राहक यह धन्धा के स्थल पर आने वाला सबसे महत्त्वपूर्ण मानव है । वह हम (धन्धार्थियों) पर आधारित नहीं, परन्तु हम उस पर आधारित हैं । वह हमारे कार्य में बाधारूप नहीं परन्तु वह हमारे कार्य का हेतु है । वह हमारे धन्धे का बाह्य व्यक्ति नहीं अपितु यह धन्धे का ही भाग है । हम उसको आवश्यक वस्तु देकर उसकी तरफदारी नहीं करते, अपितु वह हमको ऐसा करने का अवसर देकर हमारी तरफदारी करता है ।’ |
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